Tuesday 16 December 2014

#पेशावर मे पाशविकता
- कल जो बच्चे असमय काल कवलित हो गए, वो भटककर स्कूल चले थे या उन्हें मारने वाले भटके हुए थे ?
- तालीम ले रहे बच्चे मासूम थे या उन्हें गोलियों से छलनी कर देने वाले तालीबानी दरिन्दे ..?
- पेशावर के सैनिक स्कूल में जो गोलियाँ चली वह इस्लाम है या उसके बाद जो लाशों के अम्बार पर चीख-पुकार हुई वह इस्लाम है ?
- पूरी दुनियाँ में जो गोलियों से भुना जा रहा वो इस्लाम है या जो भून रहा है वो इस्लाम है ?
- इस्लाम शान्ति का धर्म है तो बता दीजीये कौन से इस्लामिक देश मे शान्ति है ?
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 बच्चे यहूदी हो, यजीदी हो, फिलीस्तीनी हो, पाकिस्तानी हो या हिंदुस्थानी सारे धर्म के बच्चे सिर्फ बच्चे हैं | कल से चल रही मीडीया की चीख पुकार तब कहाँ गई थी जब ईराक में आई एस वाले यजीदी बच्चों की टांग पर टांग रखकर चीर रहे थे |
अब देखते हैं भारत में इस दरिन्दगी के खिलाफ कितने जलसे होते हैं और कितने पुतले जलते हैं | वास्तव में तो दुनियाँ भर मे चल रही इस पाशविक वृत्ति के खिलाफ जो उठ खड़ा होगा, वही सच्चा मुसलमान है |
(कल रजत शर्मा के इण्डिया टीवी के कार्यक्रम "आज की बात" देखते हुए पूरे एक घन्टे मेरी आँखों में आँसू रहे | रात को बहुत देर तक नींद नहीं आई, फिर यह सोचकर मन मारकर सोया कि जब घाटी में कश्मीरी पंडितों के बच्चों को उठा उठाकर पछीटा जा रहा था तब भी तुम ही रोये थे , यजीदी बच्चों की क्रूर हत्या का वीडीयो यू ट्यूब पर देखकर भी तुम ही रोते हो और आज भी तुम ही रो रहे हो, वाह री हिन्दू आत्मा..)

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