Wednesday 17 December 2014

#नृशंसता
अपने ही अण्डे नष्ट कर देने वाले (गर्भ में हत्या) बिना पंख के मानव(!) पखेरू के किस्से तो आये दिन हम सुनते रहते हैं | लैकिन कुछ मांसाहारी जानवर नरों में एक क्रूरता ओर पाई जाती है कि उनके रहते उनके कबीले में कोई दूसरा नर पैदा न हो ताकि पूरी मादाओं को वो अकेला भोग सके | इसलिए प्रसव के कुछ समय पूर्व से उस दल की मादाएं नर से दूरियाँ बना लेती है ताकि अगर नर संतान हुई तो वो उसकी रक्षा कर सके | इस कार्य में अन्य मादाएँ भी उसकी सहायता करती है | लैकिन नर भी बहुत सचेत रहता रहता है, पशु जानकारों के अनुसार पचहत्तर प्रतिशत से अधिक शिशु नर उस दल के मुखिया नर के शिकार हो जाते हैं, वो पैदा होने के छः माह बाद तक भी उनका गला दबा देता है |
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इसे मानवता का दुर्भाग्य ही कहेंगे कि इक्कीसवीं सदी के वैज्ञानिक युग में भी यह पशु क्रूरता कुछ मानव (!) कबीलों में विद्यमान है |
#पेशावर की पशुता 

Tuesday 16 December 2014

#पेशावर मे पाशविकता
- कल जो बच्चे असमय काल कवलित हो गए, वो भटककर स्कूल चले थे या उन्हें मारने वाले भटके हुए थे ?
- तालीम ले रहे बच्चे मासूम थे या उन्हें गोलियों से छलनी कर देने वाले तालीबानी दरिन्दे ..?
- पेशावर के सैनिक स्कूल में जो गोलियाँ चली वह इस्लाम है या उसके बाद जो लाशों के अम्बार पर चीख-पुकार हुई वह इस्लाम है ?
- पूरी दुनियाँ में जो गोलियों से भुना जा रहा वो इस्लाम है या जो भून रहा है वो इस्लाम है ?
- इस्लाम शान्ति का धर्म है तो बता दीजीये कौन से इस्लामिक देश मे शान्ति है ?
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 बच्चे यहूदी हो, यजीदी हो, फिलीस्तीनी हो, पाकिस्तानी हो या हिंदुस्थानी सारे धर्म के बच्चे सिर्फ बच्चे हैं | कल से चल रही मीडीया की चीख पुकार तब कहाँ गई थी जब ईराक में आई एस वाले यजीदी बच्चों की टांग पर टांग रखकर चीर रहे थे |
अब देखते हैं भारत में इस दरिन्दगी के खिलाफ कितने जलसे होते हैं और कितने पुतले जलते हैं | वास्तव में तो दुनियाँ भर मे चल रही इस पाशविक वृत्ति के खिलाफ जो उठ खड़ा होगा, वही सच्चा मुसलमान है |
(कल रजत शर्मा के इण्डिया टीवी के कार्यक्रम "आज की बात" देखते हुए पूरे एक घन्टे मेरी आँखों में आँसू रहे | रात को बहुत देर तक नींद नहीं आई, फिर यह सोचकर मन मारकर सोया कि जब घाटी में कश्मीरी पंडितों के बच्चों को उठा उठाकर पछीटा जा रहा था तब भी तुम ही रोये थे , यजीदी बच्चों की क्रूर हत्या का वीडीयो यू ट्यूब पर देखकर भी तुम ही रोते हो और आज भी तुम ही रो रहे हो, वाह री हिन्दू आत्मा..)
‪#‎योग_दिवस‬ 
अभी तक २१ जून को वर्ष के सबसे बड़े दिन के रूप मे जाना जाता है | अब इसके साथ एक ओर उपमा जुड़ गई है "अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस" | सयुंक्त राष्ट्र संघ द्वारा भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी जी के आग्रह को स्वीकार करते हुए कल ही इसकी अधिकृत घोषणा की है | 
भारत के लिए अत्यन्त सम्मान और गर्व का विषय है | पाश्चात्य के पीछे भागते-भागते हम अपना सर्वश्रेष्ठ भी खोते जा रहे थे | शक्तिशाली के पीछे दुनियाँ चलती है | अगर भारत शक्तिशाली होगा तो दुनियाँ मे अपने आप सुख और शान्ति आयेगी | 
पश्चिम अपने आप से ऊब चुका है, लाल गुलामी से दुनियाँ लगभग मुक्ति की कगार पर है, आतंकवाद का भी ये अंतिम दशक है | इन सब से संघर्ष कर उठ खड़े होने की क्षमता केवल भारत वर्ष में हैं | निश्चित ही इक्कीसवीं सदी भारत की सदी होगी |

Monday 7 July 2014

#अनुभव 
- नीम के बीच में बोने से गन्ना कड़वा नहीं होता !
- गन्ने के खेत में पैदा हुआ करेला मीठा नहीं होता !
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लैकिन हम इतना कर सकते हैं कि गन्ने का गुड़ भी बना सकते हैं और शक्कर भी तथा उसके छिलकों से आग पैदा कर बिजली भी बना सकते हैं ! इसी तरह करेले की सब्जी भी बनती है और औषधी भी ..!
"हम किसी का भाव बदल सकते हैं स्वभाव नहीं !"
!! भ्रान्ति !!
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पेड़ों के ठूँठ में 
फूटी है कुछ कोंपले 
उन्हें देखकर 
रो दिया बादल
लोग चहक उठे..
मानसून आ गया !!

-मोहन नागर