Saturday, 20 July 2013

!! बँटवारा !!
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हमने
धरती
आसमान
समन्दर
सब बाँट लिया
देर-सबेर
हवा भी
बाँट लेंगे
बची-खुची
सुखदायिनी 
कुदरती
चीजें  भी
छाँट लेंगे
आने वाली
पीढ़ीयों के लिए
रह जायेगा
जो हम नहीं
बाँट पाए
एक-दूसरे का 
दुःख और दर्द ...!
(मोहन नागर)

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