Tuesday, 9 July 2013

!! सियासत !!

!! सियासत !!
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पड़े मुर्दों पर

दो आँसू भी नहीं,


गड़े मुर्दों पर


बुक्का फाड़ के


रो रहे हैं !


(मोहन नागर)

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