Tuesday 10 October 2017

#आदर्श_ग्राम

#आदर्श_ग्राम 
दो वर्ष पूर्व विद्या भारती जनजाति शिक्षा के आदर्श ग्राम बाचा के ग्रामवासियों से मिलने संघ के क्षेत्र प्रचारक आदरणीय अरुण जी जैन आये थे | तब ग्राम भ्रमण के समय उन्होंने आंवला का एक पौधा भी रोपा था |
आज पुनः बाचा जाना हुआ तो मैंने उस पौधे के बारे में पूछताछ की | कार्यकर्ता मुझे तुरन्त उस स्थान पर ले गए | सुखद अनुभूति हुई कि वह नन्हा पौधा पेड़ का आकार लेता जा रहा है |
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विद्या भारती की जनजाति शिक्षा द्वारा २००९ में इस गाँव में एकल विद्यालय प्रारम्भ हुआ था | एक छोटा सा दीपक के प्रकाश से आज पूरा गाँव प्रकाशवान है |
- तब से अब तक गाँव का कोई भी विवाद थाने में नहीं पहुँचा | गाँव में १५-२० युवकों की टीम बनी | उसने गाँव का परिदृश्य बदल दिया |
हर वर्ष जल संरक्षण के लिए पूरा गाँव #जल_महोत्सव मनाता है | गाँव के -
- अधिकांश लोग बोरी बाँध मे श्रमदान करते हैं | (इस वर्ष गाँव का जल महोत्सव अगले शनिवार १४ अक्टूबर को है)
- सप्ताह में एक दिन पूरा गाँव ग्राम स्वच्छता करता है | कुओं और हेंडपम्प की भी नियमित सफाई होती है |
- घर-घर अन्नपूर्णा मंडपम सजने लगे ( घर से निकले अपशिष्ट जल से सब्जी-भाजी की खेती)
- पूरे उत्सव मिलकर मनाते हैं | वहाँ का जन्माष्टमी उत्सव देखने आसपास के गाँव से लोग देखने आते है |
- अभी अन्तराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर युवाओं ने ग्राम की वृद्ध माताओं को साड़ी पहनाकर सम्मान किया |
- जागरूकता आने से शासन की योजनाओं का लाभ भी गाँव को मिलने लगा | २००९ में केवल एक शौचालय था, आज हर घर में शोचालय है और लोग उसका उपयोग भी करते हैं |
- ग्राम के सरपंच राजेन्द्र कवडे जी ने बताया कि सिंचाई की व्यवस्था और शासन की अन्य योजनाओं के कारण जो गाँव दीपावली के बाद रोजगार की तलाश में लगभग पूरा ही पलायन कर जाता था, आज कोई रोजगार की तलाश में बाहर नहीं जाता | महिलाओं के छः स्व सहायता अल्प बचत समूह हैं |
- गाँव में अभी भी पूरी खेती बैलों से होती है, कुछ किसान पूर्णतः जैविक कृषि करने लगे है |
- गाँव के छोटे से हनुमान मन्दिर में प्रतिदिन आरती होती है | और आरती की थाली हर दिन अलग-अलग घर से जाती है |
- गाँव के युवा गाँव में व्याप्त कुछ अन्य बुराइयों को दूर करने के लिए उपाय सोचते रहते हैं |
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ग्राम पंचायत को इस बार "स्वच्छता ही सेवा" के अंतर्गत घोडाडोंगरी विकासखण्ड की स्वच्छ पंचायत का पुरूस्कार अभी २ अक्टूबर को मिला है | सरपंच साहब बोले "यह पुरूस्कार विद्या भारती के एकल विद्यालय के छोटे-छोटे बच्चों के कारण ही मिला है | इसी के कारण हमारे गाँव में परिवर्तन आया है " |

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